.......... AS भारती भवन "Y. आठवाँ अध्याय गोल-सभा का आयोजन लखनऊ की कांग्रेस में 'स्वराज्य प्राप्ति' कांग्रेस का ध्येय बनाया गया था, और सरकार से प्रार्थना की गई थी कि वह 'स्वराज्य देने की नीति' की घोषणा कर दे। इस पर देश की परि- स्थिति पर विचार करके सरकार ने देश की राजनीतिक अवस्था की तहकीकात करने का निश्चय किया, और इसके लिये एक कमी शन नियुक्त किया। उस कमीशन ने बड़े-बड़े शहरों में घूमकर, तथा सरकारी दफ्तरों में राजनीतिक मुकद्दमों के कागजात देख- कर अपनी तहकीकात खत्म की, और तहकीकात की एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसका नाम रौलेट-रिपोर्ट हुआ। उसमें उसने लिखा कि भारत में क्रांति के उद्योग हो रहे हैं । इसके फल- स्वरूप एक नया कानून बना, जिसका नाम हुआ रौलेट-ऐक्ट और जिसका अभिप्रायथा राजनीतिक जीवन को कुचल डालना। इस ऐक्ट का प्रबल विरोध हुआ । महात्मा गांधी उसी समय आफ्रिका से आए थे, उन्होंने इसके विरोध में सत्याग्रह करने का निश्चय किया। फल-स्वरूप यह ऐक्ट कुछ काल के लिये स्थगित ही हो गया । इसके बाद ही कलकत्ते की खास कांग्रेस में असहयोग-आंदोलन का प्रस्ताव स्वीकार किया गया।
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