गोल-सभा उसने लठबंद बदमाशों को, जिन्होंने प्रजा पर लाठियां चलाई, अपना रक्षक बनाने की आज्ञा कांग्रेस को देकर अपने अधि- कार का त्याग किया।" 'संडे टाइम्स' ने लिखा कि "हरएक आदमी इस बात को मानेगा कि स्वराजिस्ट लोग शक्तिशाली हो गए हैं, और सरकार से अनुरोध करेगा कि वह गरम दलवालों के साथ विना रोक- टोक और विना अधिक सोचे-विचारे सख्ती का व्यवहार करे।" 'डेली मेल' ने लार्ड इर्विन और मि० बाल्डविन को लताड़ते उन्हें मुठ्ठी-भर गरम दलवालों से दब जाने का दोष दिया था, और बम-दुर्घटना के निंदात्मक प्रस्ताव-संबंधी विरोध की तरफ इशारा करते हुए लिखा था कि कांग्रेसवालों का एक बड़ा भाग ऐसी बम-दुर्घटनाओं के पक्ष में है। डेलो टेलीग्राफ' ने सर फ़िराज़ सेठना के भाषण पर टिप्पणी करते हुए लिखा था-"माडरेट भी अभी स्वप्न-संसार में विचर डेली टेलीग्राफ' के विशेष संवाददाता ने एक तार में लिखा था कि पंडित जवाहरलाल के भाषण में अनेक राजद्रोहात्मक वाक्य हैं, परंतु अधिकारीवर्ग उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही करने को प्रस्तुत नहीं दिखाई देता ; क्योंकि कांग्रेस-भूमि अत्यंत पवित्र और आदरणीय मानी जा रही है। मॉर्निग-पोस्ट' के नई दिल्ली के संवाददाता ने तार दिलाया कि “जाँच करने पर मालूम हुआ है, भारत सरकार निश्चय कर
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