चौथा अध्याय 819 आगामी वर्ष के लिये डॉक्टर महमूद और श्रीयुत श्रीप्रकाशजी जेनरल सेक्रेटरी तथा श्रीजमनालालजी बजाज और श्रीशिव- प्रसादजी गुप्त कोषाध्यक्ष नियुक्त हुए। अगले साल कांग्रेस का अधिवेशन कराची में होना निश्चित हुआ । स्वागत समिति के सदस्यों को धन्यवाद देने के लिये श्रीमती सरोजिनी नायडू खड़ी हुईं। आपने धन्यवाद देने के बाद कहा-"कोई भी काम क्यों न हो, उसमें नेताओं की वश- वर्तिता परम आवश्यक है। यदि हम अपने नेता के आदेशा- नुकूल नहीं चल सकते, यदि हम इसमें पक्के नहीं उतर सके, तो हमारी सब बातें, सब चेष्टाएँ व्यर्थ हो जायेंगी।" फिर स्वागतकारिणी समिति के अध्यक्ष डॉक्टर किचलू ने स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया, और उपस्थित प्रतिनिधियों से अपनी गलतियों और कमजोरियों के लिये क्षमा माँगी। अंत में सभापति के अंतिम भाषण के बाद सभा विस- र्जित हुई। कांग्रेस के अवसर पर बाहर से कुछ संदेश आए थे, जो अनेक भारतीय और विदेशोय गण्य-मान्य संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा भेजे गए थे। चूँकि इनकी संख्या अधिक थी, अतः डॉक्टर अंसारी ने कुछ संदेशों का थोड़ा-थोड़ा भाग सुनाया, जो इस प्रकार था- पहला संदेश साम्राज्य-विरोधी संघ के अंगरेजी-विभाग की ओर से था- -
पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/५७
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।