२३४ गोल-सभा प्रधान मंत्री साहब ! मैं आपसे एक अपील करता हूँ। आप जानते हैं, और हम सबसे अधिक जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों से हिंदोस्तान किन हालतों में से गुजर रहा है । मैं, पूरे उत्तरदायित्व को अनुभव करता हुआ और शासन-संबंधी सब कठिनाइयों को समझता हुआ, आपसे यह अपील करता हूँ कि आप हिंदोस्तान में ऐसा वातावरण पैदा कर दें कि हिंदोस्तानियों के लिये यह संभव हो सके कि वे इस स्कीम पर बिल्कुल शांति-पूर्वक और निष्पक्ष होकर विचार कर सकें। आपसे यह अपील करते हुए मेरा यह भी फर्ज है कि मैं अपने देशवासियों से भी यही अपील करूँ। यह जद्दोजहद बहुत लंबी हो चुकी है। वैमनस्य की मात्रा बहुत बढ़ गई है। मैं अपने प्रतिष्ठित और लोक-प्रिय नेताओं तथा उत्साही नवयुवकों से अपील करता हूँ कि वे गंभीरता से इस स्कीम पर विचार करें, और जहाँ तक हम पहुंचे हैं, उससे आगे बढ़ने में हमारा हाथ बँटावें । लॉर्ड शैकी की स्कीम की यह सबसे बड़ी खासियत है कि उसमें नए विचारों के पेश करने की पूरी गंजाइश है। अतः मि० प्राइम मिनिस्टर ! मैं बड़े अदब से आपसे राज- नीतिक कैदियों को छोड़ने की दास्त करता हूँ। वे राज- नोतिक कैदी केवल इसलिये कैद में गए थे कि उनकी सम्मति और आपकी सम्मति में अंतर था । श्राइए, हिंदोस्तान में नया युग उपस्थित करें, और पिछले जद्दोजहद के चार-पांच महीनों को भूल जाय। मि० प्राइम मिनिस्टर ! मैं यह अपील अपनी ओर
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