२३२ गोल-सभा गत ऑक्टोबर में जब हमने अपने देश से बिदा लो थी, तो हमें हमारे दोस्तों और विपक्षियों, दोनो ने कहा था कि हम मूर्खता का काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा था कि हमें दुश्मन इंगलैंड से वास्ता पड़ेगा । मैं नहीं जानता था कि हम जब यहाँ आए थे, तो दुश्मन इँगलैंड में आए थे या मित्र इंगलैंड में, मगर इतना निश्चित है कि हम जिस इँगलैंड से बिदाई ले रहे हैं, वह मित्र इंगलैंड है । मैं समझता हूँ, ये ही भाव प्रायः सभी प्रति निधियों के हैं। (सर फिरोज सेठना--प्रायः सब नहीं।) "इस सभा से तीन मुख्य परिणाम निकलते हैं- (१) पहला परिणाम फेडरेशन के रूप में है । इसका श्रेय अधिकतर राजों के प्रशंसनीय देशभक्ति-पूर्ण व्यवहार को है। (१) दूसरा आवश्यक परिणाम केंद्रिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत है। लॉर्ड रीडिंग के कथनानुसार इसमें भी राजों को बड़ा श्रेय प्राप्त है। क्योंकि इन्होंने यह बात साफ कह दी थी कि वे फेडरेशन के शासन-विधान को तभी मानेंगे, जब केंद्रिक उत्तरदायित्व को मान लिया जाय । (३) तीसरा परिणाम डिफेंस-नीति-विषयक है। किसी भी उत्तरदायी सरकार के लिये इस आधारभूत स्थापना का होना परम आवश्यक है। हिंदोस्तान को अब अपने डिफेंस के लिये स्वयं तैयार होना चाहिए। पिछले ४०-५० साल से भारतीयों की यह शिकायत रही है कि उन्हें फौज के ऊँचे ओहदों पर नहीं पहुंचने
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