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२३० गोज-सभा "फेडरल शासन का विषय-विभाग भी बाद में ही हो सकेगा क्योंकि फेडरल गवर्नमेंट को उन्हीं विषयों में दस्तंदाजी का हा होगा, जिनके लिये भारतीय राजे सहमत हो जायेंगे। प्रांतीय शासन "प्रांतीय शासन-विधान की रचना पूर्ण उत्तरदायित्व के सिद्धांतों पर होगी। मंत्रियों की नियुक्ति व्यवस्था-सभा के सदस्यों में से होगी, और मंत्रिमंडल व्यवस्थापिका सभा के समक्ष सम्मिलित तौर पर उत्तरदायी होगा। प्रांतीय शासन- विषयों का विभाग इस तरह किया जायगा कि प्रांतीय सरकारें अधिकतर स्वराज्य (सेल्फ-गवर्नमेंट ) का उपभोग कर सकें। फेडरल सरकार की हुकूमत विधान द्वारा निर्धारित सीमा में ही होगी । गवर्नर के हाथ में उतने ही न्यूनतम विशेषाधिकार रह जायँगे, जो विशेष अवस्थाओं में शांति या कानून की स्थापना के लिये ही काम में लाए जा सकें। मताधिकार का क्षेत्र विस्तृत किया जायगा। "गवर्नमेंट की राय है कि अल्प-संख्यक सब-कमेटी में भिन्न- भिन्न संप्रदायों के दर्मियान जो मत-भेद रह गए थे, उनका निप- टारा वे स्वयं करें। सहयोग की दावत सरकार ने कान्फ्रेंस के वर्तमान रूप और परिमित समय पर ध्यान रखते हुए यह बेहतर समझा है कि इस कान्फ्रेंस का कार्य इस स्थान पर स्थगित कर दिया जाय, ताकि भारतीय