सोलहवां अध्याय २२६ पर डाली जाय, और कुछ ऐसी शर्ते रक्खी जाय, जो अस्थायी समय के लिये आवश्यक जुम्मेवारियां पूरी करने की गारंटी करें, और विशेष परिस्थितियों का मुकाबला करने में सहायक हों तथा अल्प संख्या के समुदायों की राजनीतिक स्वाधीनता और उनके अधिकारों की रक्षा की गारंटी करें। "जो प्रतिबंध अस्थायी समय के लिये रक्खे गए हैं। सरकार का यह पहला फर्ज होगा कि वह उन्हें दृष्टि में रखकर सुर- क्षित विभागों का ऐसा प्रबंध करे, जिसमें वे हिंदोस्तान की भावी शासन-व्यवस्था-संबंधी तरक़्क़ी में बाधक न हों। "इस घोषणा को करते हुए ब्रिटिश सरकार को मालूम है कि अभी कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ, और जो शासन-कार्य को चलाने में अत्यंत आव- श्यक हैं। मगर हमारा विश्वास है, हम उन पर परस्पर विचार करते हुए उनके निर्णय के इतने करीब पहुंच गए हैं कि इस घोषणा के बाद हमें उनके संबंध में फैसला करने में निश्चित सफलता होगी। "समा का विचार इस सर्व-सम्मत सिद्धांत पर होता रहा है कि केंद्रीय सरकार संपूर्ण भारत के फेडरेशन के रूप में होगी, जिसमें भारतीय रियासतें और ब्रिटिश भारत दो व्यवस्था- सभाओं द्वारा संबद्ध होंगे। फेडरल सरकार की निश्चित रचना और उसके अंतिम रूप का निर्णय राजों तथा ब्रिटिश भारत के प्रतिनिधियों से पूर्ण विचार करने के बाद ही होगा।
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