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२०८ गोल-सभा तर लोगों का झुकाव इस बात की ओर था कि सेंट्रल में प्रत्यक्ष और लोअर हाउस में परोक्ष रूप से चुनाव हो । ७ जनवरी को गोल-सभा की फेडरल स्ट्रक्चर सब-कमेटी में कंजर्वेटिव पार्टी के प्रतिनिधि सर सेमुएल होर ने भारतीय शासन-सुधार के संबंध में कंजर्वेटिव दल की नीति को इन शब्दों में व्यक्त किया। आपने कहा कि कंजर्वेटिव दल भारतीय शासन- सुधार में कुछ विशेष प्रतिबंध लगाने पर जो जोर देता है, वह नई रुकावटें डालने के लिये नहीं, बल्कि उन रुकावटों का सामना करने के लिये, जो पहले से मौजूद हैं। उदाहरणार्थ, हिंदोस्तान बाहरी हमले से बचने के लिये ब्रिटेन की सैनिक शक्ति पर आश्रित है, अतः सेना-विभाग सीधा सम्राट् के अधीन रहेगा । मगर ऐसा होने से एक्जीक्यूटिव कमेटी के पूर्ण उत्तर- दायी होने में बाधा पड़ती है। आपने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों का प्रश्न भी ऐसा ही है। आपकी राय में ब्रिटेन में उत्तरदायी शासन की स्थापना के लिये मौजूद अनुकूल परि- स्थितियों में से हिंदोस्तान में एक भी मौजूद नहीं । आपने कहा, ज्यों-ज्यों में ब्रिटेन और भारत को विभिन्नताओं पर गौर करता हूँ, मेरा यह संदेह दृढ़ होता जाता है। हो सकता है, मेरे कहने में कुछ अतिशयोक्ति हो, मगर मुझे निश्चय है कि जो शासन- व्यवस्था सर तेजबहादुर सप्र ने सुझाई है, वह इतनी पेचीदा और कमजोर है कि थोड़े भी मतभेदों की चोट से छिन्न-भिन्न हो सकती है। केवल सर्व-सम्मति के बल पर ही उसका