१६२ गोल-सभा ब्यौरा क्या होना चाहिए। साथ ही मातहत गवन्मेंटों की सुरक्षा का कैसा प्रबंध किया जाय । अात्मसमर्पण का अधिकार नहीं "झूठी आशा में कोई न रहे, इसलिये यह आवश्यक है कि सत्य बात ठीक-ठीक फिर से दोहरा दीजाय । हमारा विश्वास है कि ब्रिटिश-जाति अपने प्रभुत्व को किसी भी अवस्था में भारत से हटाने के लिये तैयार नहीं । यह गोल-सभा भारत के लिये कोई भी शासन-योजना बनाने का अधिकार नहीं रखती। इसमें किया गया कोई भी समझौता पार्लियामेंट को कानूनी अथवा साधारण तौर पर भी, जरा भी, बाध्य नहीं कर सकेगा। यह सभा भारत-ऐक्ट की रू से कोई नई सरकार बनाने का अधि- कार भी नहीं रख सकती। इस! किस्म के ऐक्ट की जिम्मेदारी तो ब्रिटिश सरकार के ऊपर है, वही इसे हाउस ऑफ कामंस और हाउस ऑफ लास की सम्मति से बना सकती है। “वर्तमान हाउस ऑफ कामंस में भी, जिसके साथ सोशिय- लिस्ट की मातहत सरकार भी सम्मिलित है, यही बहुमत है कि औपनिवेशिक स्वराज्य-जैसे प्रश्न को किसी भी अवस्था में प्रकट न किया जाय । यह बात निश्चित है कि ऐक्ट की सर- कार का परिचय होने से प्रथम एक नवीन हाउस ऑफ कामंस की सृष्टि होगी, और बहुत संभव है कि यह हाउस ऑफ कामंस वर्तमान काल की अपेक्षा हमारे देश के कहीं अधिक जबरदस्त देश-भक्तों की प्रतिनिधि सभा होगी।
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