पंद्रहवाँ अध्याय उप-समिति और उनके कार्य २ नवंबर को हिंदू-मुसलमानों की एक सम्मिलित बैठक में यह निश्चय हुआ कि सभा प्रारंभ होने पर, प्रारंभ में ही, यह कह दिया जाय कि ब्रिटिश गवर्नमेंट हमें इस बात का विश्वास दिलाए कि यहाँ की बहस का परिणाम सिवा डोमीनियन स्टेटस के और कुछ न होगा। ३ तारीख को जो मीटिंग प्रतिनिधियों की हुई, उसमें भीतरी मतभेद दूर करने की भरपूर चेष्टा की गई। विवाद का विषय यही रहा कि अल्प-संख्यक जातियों की रक्षा का प्रश्न किस भाँति हल हो। ४ तारीख को सम्राट ने बकिंघम पैलेस में राज-प्रतिनिधियों को एक भोज दिया। इसमें साम्राज्ञी मेरी और स्पेन की महा- रानी भी सम्मिलित थीं। साम्राज्ञी ने वे सभी आभूषण और जवाहरात पहने थे, जो सन् १० में राजों ने उन्हें भेंट किए थे। इसी दिन प्रातःकाल, सर कावसजी जहाँगीरजी के स्थान पर, मि० जिन्ना की १४ शर्तों पर विवाद हुआ। ५ नवंबर को सेंट जेम्स-पैलेस में एक मीटिंग महाराजा बड़ौदा की अध्यक्षता में हुई । सात सदस्यों की एक उप-समिति
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