चौदहवां अध्याय १७६ दोहरी बैठकें मद्रास, बंबई, पंजाब और सी० पी० की प्रांतीय सरकारों की सिफारिश के अनुसार वहाँ व्यवस्था-सभा की दोहरी बैठकें (Double Chambers) नहीं होंगी, पर यू० पी०, बंगाल और बिहार की स्थिति देखते हुए ऐसी बैठकों का होना आव- श्यक समझ पड़ता है। आवश्यकता पड़ने पर और उपयोगी समय आने पर वे तोड़ी भी जा सकें, इसका प्रबंध पार्लिया- मेंट नवीन विधान में कर दे। निर्वाचनाधिकार इस संबंध में भिन्न-भिन्न प्रांतों के विचार अलग-अलग हैं। बंबई- सरकार इस अधिकार को बढ़ाकर अब का तिगुना कर देने के पक्ष में है। कुछ सरकारें ऐसा करने में कुछ शंकित भी हैं। हम समझते हैं, यदि १० प्रतिशत जनता को यह अधिकार मिले, तो उचित होगा। एक कमेटी नियुक्त होकर इस बात की जाँच करे कि शिक्षा-संबंधी विशेषता रखनेवालों को विशेष निर्वाचनाधि- कार दिए जायें या नहीं। मुस्लिम-प्रतिनिधित्व सरकारी ब्लाक उठ नाने से अल्प-संख्यक और बहु-संख्यक जातियों का प्रश्न और भी आकर्षक हो जायगा। पंजाब और बंगाल को छोड़कर शेष प्रांतों में यदि मुसलमान चाहें, तो अपनी वर्तमान स्थिति कायम रख सकते हैं । बंगाल में तो हिंदू-मुसल- मानों के बीच समझौता होना बड़ा ही कठिन है । वहाँ के योर-
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