गोल-समा ही बातचीत होगी। साइमन-रिपोट हमारे सामने है । जो सदस्य उसे हटा देने के पक्ष में हैं, वे कदाचित् भारत-सरकार के खरीते का अध्ययन करना अधिक पसंद करेंगे। साइमन कमीशन फ्रेड- रल शासन के पक्ष में है। यद्यपि भारत सरकार की सम्मति में अभी यह दूर को चीज़ है, पर देशी नरेशों की नोति ने, स्थिति में परिवर्तन कर, अनुकूल वायु-मंडल तैयार कर दिया है, और यदि यह फेडरल शासन-प्रणाली सर्व-सम्मति से स्वीकृत हो गई, तो मैं सभा को प्रारंभ में ही बहुत अधिक सफल हुआ समझगा।" मिस्टर जिन्ना ने कहा- साइमन-रिपोर्ट मर चुकी है । भारत-सरकार का खरीता भी पुराने युग की चीज है। देशी नरेशों के रूप में एक नवीन नक्षत्र का उदय हुआ है। इसने ब्रिटिश भारत की औप- निवेशिक स्वराज्य की मांग को पोछे ठेल दिया है। हम यहाँ एक नए उपनिवेश का जन्म देखने आए हैं। अंतिम निर्णय का कार्य पार्लियामेंट के हाथों में है, परंतु सभा सर्वसम्मति से जो प्रस्ताव पास करेगी, उसे क्या तीनो दलों के प्रतिनिधि कह सकते हैं कि पार्लियामेंट रद्द कर सकेगी ? यदि उसने ऐसा किया, तो इसमें संदेह नहीं कि यह उसका घोर दुस्साहस का काम होगा।" श्रीनिवास शास्त्री ने कहा-"मैं सदैव संदेह की दृष्टि से देखा गयाहूँ। मेरे पीछे हमेशा खातूंस लगे रहे हैं। एसा जान पड़ता है, उदार और अनुदार,
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