गोल-सभा की नाल की शक्ल की दो मेजों के गिद बैठन का प्रबंध था। इनके पीछे और मेजें और बैठने का स्थान था। भारतीय राज्यों के.१६, ब्रिटिश भारत के ५७ और ब्रिटिश पालियामेंट के १३ प्रतिनिधि कुल मिलाकर ८६ सभासद उपस्थित थे। दोपहर में जब समाद सिंहासन पर पधारे, तो सभी ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया, और जब तक भाषण होता रहा, सब खड़े रहे । समाद ने कहा- अपने सामाज्य की राजधानी में आज भारत के नरेशों, सरदारों और जनता के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुझे बड़ा संतोष हो रहा है । मेरे मंत्रियों तथा पार्लियामेंट के दूसरे दलों के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय प्रतिनिधियों का जो सम्मे- लन हो रहा है, उसका उद्घाटन करने में भी मुझे बड़ा संतोष हो रहा है। "यद्यपि ब्रिटेन के अधिपतियों ने कई बार भारत की भूमि में कितने ही प्रसिद्ध सम्मेलनों का आयोजन किया है, पर विला- यत और भारत के राजनीतिज्ञ प्रतिनिधि भारतीय देशी नरेशों के साथ एक साथ एकत्र होकर, भारत के भविष्य-विधान का समझौता करने के लिये, आज से पहले कभी एकत्र नहीं हुए थे। यह सम्मेलन एकमत होकर हमारी पालियामेंट को पथ दिखलाएगा, जिससे वह भारत के भविष्य-विधान का ठीक-ठीक आधार निश्चित कर सकेगी। "लगभग दस वर्ष हुए, अपनी भारतीय व्यवस्था:सभा को
पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१५६
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।