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गोरा

गोरा [ rue इतना कह सकती हूँ कि तुम्हारे घरमें ऐसी रूपवती बहू अान तक न श्राई होगी। कैलाश-यह क्या कहती हो! हमारी मंझली भाभी- हरिमोहिनीने कहा- क्या कहा ! भला तुम्हारी मंझली मामी कर उसकी बराबरी कर सकती हैं ! जो इसके पेरके स्प है वह उसके चेहरे में न होगा। तुम चाहे जो कहो, मंझली बहूसे मेरी सुचरिता कहीं बन्दकर सुन्दरी है। मंझली बहू और नई बहू के सौन्दर्यको तुलनामें कैलास कुछ विशेष उत्साहका अनुभव न कर मन ही मन एक अपूर्व लपकी कल्पना करने लगा। हरिमोहिनीने देखा, इस पक्ष की अवस्था अाशाजनक है। उसके मन में यहाँ तक भरोसा हुआ कि कन्या पक्षमें जो गुरुतर मामाजिक त्रुटियाँ हैं उनसे भी इस व्याहमें कोई बाधा नहीं पहुँच सकती। १०:-