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कमों का फल
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साईदयाल, अब तक मैं तुम्हें एक दृढ़ स्वभाव का आदपी समझता था लेकिन आज मालूम हुआ कि तुम उन पवित्र आत्माओं में हो, जिनका अस्तित्व संसार के लिए वरदान है। तुम ईश्वर के सच्चे भक्त हो, और मैं तुम्हारे पैरों पर सिर झुकाता हूँ।

—उर्दू 'प्रेम पचीसी' से