पृष्ठ:गुप्त-निबन्धावली.djvu/८१

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गुप्त-निबन्धावली चरित-चर्चा S बादशाह एक सफेद कबा पहने रहता है, जिसके दोनों ओर बन्द लगे रहते हैं। एक छोटासा कपड़ा ( पगड़ी ) अपने सिरपर बांधे रहता है, जिसका रंग कभी लाल और कभी पीला होता है।" रानी एलिजाबेथने अकबरको जो चिट्ठी लिखी, उसमें पहले बहुत लम्बा-चौड़ा अलकाब है। आगे लिखा है-"हमारी प्रजाको दृर देशोंमें फिरनेका बड़ा उत्साह है। केवल संरके लिये नहीं, वरञ्च इसलिये भी कि अपने देशका माल दूसरे देशोंमें पहुंचा और दूसरे देशोंका माल अपने देशमें लाव और इस प्रकार आपसमें मेल-जोल बढ़ावं। इसीलिये जार्ज न्यूबरी अपने साथियोंके माथआपकी सेवा में हाजिर होता है । हमें विश्वास है कि आप अपनी बादशाहोंकीमी दयाके साथ उन्हें अपने दर- बारमें उपस्थित होनेकी आज्ञा दंगे। आशा है, हमारे लिये आप ऐसा करके हमें चिर कृतज्ञ करगे । जो खबर इस दूर-देशमें आपकी बाबत पहुँ- चती हैं, उनसे हमारी बड़ी तसल्ली हुई हैं और इस विषयमें अधिक लिखनेको जरूरत नहीं मालूम होती । हमारी यही प्रार्थना है कि यह लोग, जो बहुत दृरका सफर करके आपकी सेवामें पहुंचते हैं, इनपर आप विशेष अनुग्रह करेंगे। अपनी बादशाही प्रतिष्ठाकी शपथ खाकर कहत हैं कि हमसे जहाँ- तक बन सकेगा, इसका बदला दंगे। अधिक श्रीमानको बहुत बहुत सलाम।" ____ ओह। तीन सौ सालके उस समय और आजके समयमें कितना अन्तर है ! उस ममयके भारतवर्ष और आजके भारतपमें कितना अन्तर है। अंग्रेजोंके उस समयके प्रताप और आजके प्रतापमें कितना अन्तर है। उस समय विलायतकी रानीने भारतके बादशाहसे अपने कई आदमियों- को सुख पूर्वक दरबारमें रखनेकी प्रार्थना की थी। आज वही अंग्रेज इस मुल्कके मालिक और हर्ता-कती हैं। मुगल बादशाहोंके वंशका कहीं पता भी नहीं। तीन सौ सालके समयने संसारमें कितना उलट-पलट कर दिया है। -भारतमित्र १९०५ ई० [ ६४ ]