गुप्त-निबन्धावली संवाद-पत्रोंका इतिहास अवध अखबार और पायनियारसे साधारण खबरें और तारकी खबरें नकल कर ली जाती हैं। जयपुर गजटकी २४ मई सन् १६०५ ईस्वीकी एक संख्या हमारे सामने है। यह रायल साइजकी डेढ़ शीटके छः पृष्ठ पर छपी हुई है। यही आकार उक्त गजटका बहुत वर्षोंसे चला आता है। इसका पहला और छठा दो पृष्ठ बहुत घिसे और मैले टाइपमें छपे हुए हैं। वाकी चार पृष्ठ लीथोमें छपे हैं। ____पहले पृष्ठमें गजटका नाम अंगरेजी और हिन्दी अक्षरोंमें छपा हुआ है। तारीख तीनों अक्षरोमें है। अंगरेजीमें जयपुर राज प्रेसका एक विज्ञापन है। उसके नीचे एक विज्ञापन उक्त प्रेसका नागरी अक्षरोंमें भी है। पर टाइटलके घिस जानेसे वह पढ़ा कुछ नहीं जाता। बहुत जोर लगाकर हमने इतना पढ़ा कि उक्त प्रेसमें बड़ी सफाईके साथ सब चीजें छप सकती हैं और रङ्गबरङ्गका काम भी छप सकता है। क्यों न हो! छपाई सफाईका विज्ञापन स्वयं इसका नमूना है। कोई अभागा उन अक्षरोंको पढ़ लेगा तभी तो कुछ छपवानेकी हिम्मत करेगा । खैर, उसी पृष्ठके दूसरे कालममें उर्दू अक्षरों में हालवे साहबकी गोलियों और मरहम का विज्ञापन है। तीसरे कालममें वही विज्ञापन हिन्दीमें है। चौथे कालममें अंगरेजी पांच पंक्तियां हैं। उनमें उन बच्चोंकी संख्या लिखी गई है जो जयपुर नगरमें २० मईसे २३ मई तक पैदा हुए। उसके नीचे जयपुर नगरका १५ मईका अन्नका भाव हिन्दीमें दिया है । २४ मईके कागजमें शहरका १५ मईका अन्नका भाव छपा है। खबरोंकी ताजगीका यह एक अच्छा नमूना है। दूसरेसे लेकर पांचवें पृष्ठ तक साधारण खबर और छोटी छोटी तारकी खबर हैं जो ११ मईसे १३ मई तककी हैं। छठा पृष्ठ एक दम अंगरेजी है। उसमें १७ और १८ जूनकी तारकी दो तीन खबर हैं। नीचे तीन खबरें सादी हैं। बाकी तीन काल- मोंमें जयपुरकी पबलिक लाइब्ररीकी नई किताबोंकी सूची है। और [ ३८६ ]
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