गीता-हृदय के मूल श्लोकों की वर्णानुक्रमणिका श्लोक के बाद पहिले पृष्ठ सख्या दी गई है फिर डैश के बाद श्लोक सख्या अकीति ४५०-३४ अन्त ४३४, ६६६, ६७७-१८, अग्नि ६८६-२४ २३, ५ अच्छेद्य ४४२-२४ अन्नाद् ५२६-१४ अक्षर ६७५, ७३७-३, ३३ अना ६२३-१ अजो ५६४-६ अनन्य ६८१, ७०८-१४, २२ अज्ञ ५६६-३६ अनादि ७५०, ८०२-१६, ३१ अत्र ४०१-४ अन ७७६-१६ अथ ४०४, ४४४, ४५०, ५५०, अनेक ७४८, ७४६, ८४२-१०, ७७२, ७७२-२०, २६, ३३, ३६, ६, ११ अनिष्ट ८७१-१२ अथवा ६४३, ७३८-४२, ४२ अनु ८५३, ८८०-१५, २५ अदृष्ट ७५७-४५ अभि ८५३-१२ अद्वेष्टा ७७८-१३ अपर ५६३,५८३, ६५३-४,३०,३ अधि ६७४,६७५, ८७२-२,४, १४ अपाने ५८३-२६ अधर्म ४०६, ८८२-४१, ३२ अपि ५८४, ७१४-३६, ३० अध्यात्म ७६२-११ अभ्यास ६७८, ७७२-८, १० अध ८२२-१ अमी ७५१, ७५२-२१, २६ अध्ये ६२३-७० अमा ७६२-७ अनन्त ४०३, ७३६-१६, २६ अफला ८५३-११ अन्ये ४०२, ७६६-६, २५ अयति ६४०-३७
पृष्ठ:गीता-हृदय.djvu/९१६
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