धर्स, सरकार और पार्टी १२५ , कलहकी ही रोक हो जाती है। बल्कि मार्क्सवादसे भी मेल हो जाता है, विरोध नहीं रहता। व्यक्तिगत कहनेका यही मतलब है कि किसी समुदाय, गिरोह, कमिटी, पार्टी, दल, सभा या अजुमनकी चीज यह हर्गिज नही है । 'हरेक आदमी चाहे जैसे इसके बारेमे अमल करें, सोचे या कुछ भी करे। किसी दूसरे आदमी, दल, पार्टी, गिरोह या देशको इसमे टॉग अडाने और दखल देनका कोई हक नही। असलमे गिरोह, समुदाय, पार्टी आदिको इससे कोई ताल्लुक हई नही। इसीलिये सरकारको भी इसमे पडनेका हक है नही। अगर वह पडती है, जैसा कि बराबर ही देखा जा रहा है, खासकर पूँजीवादी युगमें, तो और भी, नाजायज काम करती है। जर्मनी या और देशोकी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियोने जहाँ सरकारको इसमें पडनेसे रोका तहाँ उनने खुद इसमे पड जानेकी गलती की, या कमसे कम ऐसा खयाल जाहिर किया। इसीलिये एगेल्सने उन्हे डॉटा था। उसने कहा था कि सरकार , इसमे हाथ न डाले यह तो ठीक है । मगर पार्टीकी भी यह निजी चोज क्यो हो ? पार्टीको इससे क्या काम उसका कोई मेम्बर धर्मको माने या न माने । पार्टी उसमे दखल क्यो देने लगी? हाँ, इसके चलते जो भारी खतरे है, उनका खयाल करके पार्टीका रुख तो इसके बारेमे सदा भौतिक द्वन्द्ववादवाला होगा। यही वात लेनिन अपने लेखमे यो लिखी है- "This he did in a declaration in which he em- phatically pointed out that Social Democracy re- gards religion as a private matter in so far as the State is concerned, but not in so far as it concerns Marxism or the workers' party." “Should our deputy have gone further and developed atheistic ideas in greater detail? We ?
पृष्ठ:गीता-हृदय.djvu/१३३
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।