. . गदर के पत्र लेफ्टिनेंट विलसन तोपखाने के और लेफ्टिनेंट साल कील्ड साहब इंजीनियर लेफ्टिनेंट वालमार्ट ५४ रेजिमेंट के, लेफ्टिनेंट जे फोर्ट मेगज़ीनवाले मय अपनी स्त्री और तीन लड़कियों के और फ्रेजर साहब की स्त्री शामिल थीं। ये सब कोहनताली- नामक आदमी के बहुत आभारी हैं, जो हरचंदपुर में रहते हैं, और डेविस साहब के रिश्तेदार हैं, जिनको बेगम शमरू ने अपना पुत्र बनाया था। कोहन साहब ने इन सब लोगों की बड़ी खातिरदारी की, और अपनी रक्षा में रक्खा। १२ मई २ बजे के लगभग नीचे लिखे लोग बागपत पहुंचे, जहाँ इस कस्बे के नंबरदार ने इन सबकी खूब मेहमानदारी की। इनके सिवा जो भी अँगरेज़ इधर श्रा निकला, उसकी सेवा-सुश्रूषा में कोई कसर उठा नहीं रक्खी । बारापत में इन लोगों ने खाना खाया, और मेरठ की तरफ रवाना हो गए। सूर्य छिपते-छिपते मेरठ पहुँच गए । इस दल में सपत्नीक कप्तान बिल्सन, कप्तान हाकी इनसाइन मिल्टन हिंदोस्तानी ७४ रेजिमेंट, कप्तान, डी टेस्टर स्त्री-सहित मिस हिचिनस और भरफी साहब कलक्टर कस्टम अपनी माता-सहित और हेली साहब बाल-बच्चों सहित थे । एक दूसरा दल जिसमें लेफ्टिनेंट हौजवेल एडचेकिनेन और लेफ्टिनेंट रेज, एज लो साहव-सहित तथा लेफ्टिनेंट ड्यूली भी थे। इनका कहीं पता-निशान न लगा। मालूम होता है, देहातियों के साथ मारे गए । लेफ्टिनेंट ड्यूपुली, लेफ्टिनेंट फारेस्ट और
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