Mara . एक शब्द गदर के पत्र और कहानियाँ पढ़कर पाठकों के हृदय में कुछ कहना के भाष अवश्य पैदा होंगे। इन पदों में उस भयानक विखव की भीषयता का दिग्दर्शन तो है ही, साथ ही अंगरेजों की दृढ़ता और स्थिर बुद्धि का पमस्कार मी प्रस्ट है, जिससे हम विपत्ति में कर्तव्य का पाठ मीख सकते हैं। इस पुस्तक के मूल-देखक दिल्ली के प्रख्यात उर्दू लेखक ख्वाजा हसन निधामी साहब है। उन्होंने करीब १०.११ पुस्तकें इस विषय पर लिखी हैं। कुछ साल पूर्व उन्होंने मुझे सम पुस्तकों का सेट देकर हिंदी में अनुवाद करने का अनुरोध किया था, पर मैं स्वर्ष उर्दू नहीं जानता, इससे दूसरों से पढ़वाकर अनुवाद किया । इसमें कठिनाई भी हुई, और संभव है, ग़लतियाँ भी रह गई हों। फिर भी पाठकों के मनोरंजन और ज्ञान-विस्तार की सामग्री तो इस पुस्तक को हिदी-पाठकों के सम्मुख रखते हुए मुझे बहुत यानंद होता है। मैं इस सीरीज़ की सभी पुस्तकों को धीरे-धीरे हिंदी-पाठकों के सम्मुख उपस्थित करने की चेष्टा करूँगा, यदि पाठकों ने इसे पसंद किया । दिखी श्रीमतुरष व
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