पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/६७

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रादर के पत्र इनकी जबान से नहीं सुनी । हाँ, केवल एक सिपाही ने इतना कहा कि अब तुम्हारा नमक-पानी खाया नहीं जाता । मेराजीन के उड़ने से पहले एक गाड़ी शहर से आई । जिसमें कप्तान स्मिथ, कप्तान ब्रो, लेफ्टिनेंट एडवर्ड और लेफ्टिनेंट बावरफील्ड साहब की लाशें थीं। ये सब अफसर रेजिमेंट नं०५४ के थे। इन लाशों पर मेमों के कपड़े पड़े हुए थे, जो इनकी बेकसी और इन पर निर्दय व्यवहार के सूचक थे। ब्रगेडिर साहब ने वे दोनो तोपें, जोशहर में रवाना की थीं, फिर वापस मॅगाई । मगर वापसी के वक्त. उन सिपाहियों ने बदमाशी शुरू की।जो तोपों के साथ थे, वे बजाय पहाड़ी पर आने के जहाँ दूसरी फौजें पड़ी हुई. थी, सोधे छावनी का रारला लिया। रास्ते में कप्तान टेलर की जसात के थोड़े-से आदमी मिले, जिन्होंने कप्तान साहब को छोड़ दिया था। उन्होंने फौरन तोपों पर कब्जा कर लिया, और कप्तान अमेन साहव कमानियर और सार्जंट को, जो तोपों के साथ थे, लड़-भिड़कर भगा दिया। ये दोनो साहब गोलियों को बारिश से किसी तरह बचकर पहाड़ी तक पहुँचे । मेरे खयाल में, उन अंगरेजों में से, जो शहर में मौज के साथ गए थे, ये ही दो बचे थे। विद्रोही सिपाही तोपें छीनकर शहर की तरफ जा रहे थे। चूँ कि पहाड़ी पर से सब दिखाई पड़ता था, इसलिये कप्तान डी० टेस्टर साहब ने जो तोपों को नगर की ओर जाते देखा, तो वह घोड़े पर सवार होकर इस अभिप्राय से गए कि उनको