पत्र नं. १० (जिसे हेनरी ग्रेटहेद ने जॉर्ज कानिक्रवारेंस के नाम लिखा था।). है सितंबर, १८५७ प्रिय वारेंस! यदि आप प्रतिदिन तार-समाचार पढ़ते हैं, तो (उनके सामने ) मेरी खबरें वासी प्रतीत होंगी। कुदसियावारा और लेडलो कैसल ७ ता० की रात को अधिकार में आ गए थे। इसी समय मोरी दरवाजा पर ६५० गज़ के अंतर से १० तोपों की एक बैटरी सजित कर दी गई थी। सुबह होते-होते चार तो चलना शुरू हो गईं, और शाम तक सब चलती रहीं। तोपखाने पर शुरू में कड़ो गोला-बारी की गई, और. कुदसिया तथा लडकी चौकियों पर भी आक्रमण किया गया, परंतु हमारी कुछ विशेष हानि न हुई । लेफ्टिनेंट हाइलडियरेंड (तोपखाना), लेफ्टिनेंट बेजियन (बिल्लोची) मारे गए, और लेफ्टिनेंट वुड (तोपखाना) घायल हुए। लगभग ३० सिपाही मारे गए और घायल हुए। गत रात्रि से प्रातः १० बजे तक केवल ३ आदमी घायल हुए । मोरी दरवाजा और कश्मीरी दरवाजे पर निशानेबाजी खब सफल रही। गत रात
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