पृष्ठ:गल्प समुच्चय.djvu/१९९

यह पृष्ठ प्रमाणित है।
१८७
कमलावती


रुस्तम-क्या गुर्जर को सब रमणियाँ ऐसी ही शक्तिशालिनी हैं?

रमणी—जिस देश में स्वय शक्ति के अवतार महा-काल भैरव सोमनाथ बिराजते हैं, वहाँ की अधिकांश रमणियाँ ऐसी ही हैं।

इसी समय शाहजादे ने कहा-रुस्तम, इस रमणी को धन्यवाद दो। इसी के कारण आज यह पवित्र भूमि हम लोगों के रुधिर-प्रवाह से कलंकित होने से बची। चलो, हम लोग अब लौटें। यह यात्रा निष्फल हुई।

रमणी ने पूछा—कहाँ जाइयेगा?

शाह जमाल—अधिकतर सिन्धुदेश।

रमणी—अभी आपको नाव कैसे मिलेगी? फिर एक बात और है कि आप हमारे अतिथि हैं, बिना आतिथ्य स्वीकार किये आप जा कैसे सकते हैं?

शाह—तब हम क्या करें?

रमणी—आपको हमारे साथ चलना पड़ेगा। आप हमारे अतिथि हैं।

शाह—तुम्हारा विश्वास क्या?

रमणी—विश्वास! हमारा बचन।

शाह—यदि हम न जायें, तो क्या करोगी?

रमणी—आप को जाना ही पड़ेगा।

यह कह रमणी ने एक शंख निकाल कर फूंका। शंखनाद के