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रानी सारन्धा
बादशाही सिपाही सारन्धा का यह साहस और धैर्य देखकर दंग रह गये। सरदार ने आगे बढ़कर कहा—रानी साहबा! खुदा गवाह हैं; हम सब आपके गुलाम हैं। आपका जो हुक्म हो, उसे ब-सरो-चश्म बजा लायेंगे।
सारन्धा ने कहा—अगर हमारे पुत्रों में से कोई जीवित हो,तो ये दोनों लाशें उसे सौंप देना।
यह कहकर उसने वही तलवार अपने हृदय में चुभा ली। जब वह अचेत होकर धरती पर गिरी, तो उसका सिर राजा चम्पतराय की छाती पर था।
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