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खग्रास


"परन्तु इसका पता बिना ऊँची उड़ान के थोड़े ही लग सकता था। एक बात मैं भेद की यह कहूँ कि गुफा में डाली गई हवा यदि पहले से गर्म न भी हो तो भी वह शब्द से दो गुनी रफ्तार होने पर तरलता अपना लेती है। तथा कोहरे जैसी प्रतीत होती है।"

"तो इस बाधा को दूर करने के लिए भी तो तुमने कुछ उपाय किया ही होगा?"

"जरूर किया है। हवा की शब्द से अठ गुनी रफ्तार होने पर हीलियम के उपयोग की योजना हमने बनाई है।"

"मैं तुम्हे तुम्हारी सफलता पर बधाई देती हूँ जोरोवस्की। अच्छा, अब तुम उस रङ्गीन रेडार पद्धति की भी तो जरा खुलासा बात बताओ जिसे पेन्सिलवेनिया के अमरीकी वैज्ञानिक श्री डेविड ई० सनस्टीन ने आविष्कार किया है।"

"ओह, वह तो बहुत ही काम की चीज है। उसकी सहायता से हम तूफानी वातावरण और समुद्र में भारी लहरो के उठने पर भी जहाज को देख सकते है।"

"किन्तु प्रचलित रेडार पद्धति से इसमे क्या विशेषता है?"

"यह कि आसपास के वातावरण से वांछित वस्तु को अलग करने के लिए इसमे रङ्ग के आधार पर पहचान करने की व्यवस्था की गई है। असल बात यह है कि रेडार-संचालको को प्राय स्पष्ट चित्र प्राप्त करना कठिन हो जाता है, समुद्र में उथल-पुथल मची होने पर यह बात विशेष रूप से सही है। रेडार यन्त्र के परदे पर जहाज का पानी से मिला जुला धुँधला सा चित्र उपस्थित होता है, पर रङ्गीन रेडार पद्धति में इस सिद्धान्त का प्रयोग किया गया है कि किसी जहाज से जो संकेत प्रतिध्वनित होते है, भूमि या समुद्र से प्रतिबिम्बित होने वाले संकेतो से उनका विस्तार अधिक होता है। बस, इस सिद्धान्त का लाभ उठाकर इन संकेतो को पृथक् रूप में एकत्रित कर रङ्गीन रूप में उपस्थित किया गया है।"

"तो तुमने यह भेद क्या अमरीकी वैज्ञानिको से जाना?"