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खग्रास

कर रहे है जिसमे कृषि, उद्योग, शहरो, देहातो तथा बड़े कारखानो व छोटे कुटीर उद्योगो के योजनाबद्ध विकास को नजर मे रखा गया है।"

"आप समझते है कि आपके देश की भाँति एशिया के दूसरे देश भी स्वतन्त्रता से लाभान्वित हो रहे है?" जोरोवस्की ने पूछा।

"मै भारत की बात कह रहा था क्योकि वह मेरा देश है। लेकिन एशिया के बहुत से अन्य देश जो विदेशी जुए के नीचे थे, उन्होने अब स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है। उनमे नई भावना हिलोरे ले रही है और वे नए आदर्शो की पूर्ति के लिए यत्नशील है। हमारी ही तरह उनके लिए भी स्वतन्त्रता का वही महत्व है जो जिन्दा रहने के लिए श्वास का होता है।"

"क्या आप स्वीकार करते है कि यन्त्र-विद्या मे दुनिया ने जो प्रगति की है और जिसने एक नए युग का सूत्रपात किया है उनका नेता अमेरिका है।" स्मिथ ने जरा जोश मे आकर कहा।

"निस्सदेह यह सत्य है परन्तु अब यह भी मानना पडेगा कि सारे संसार से हमे पडौसी की भॉति व्यवहार करना अनिवार्य है और महाद्वीपो तथा देशो का पुराना विभाजन अब गौण ही रह जायगा। शान्ति और स्वतन्त्रता अब अविभाज्य हो गई है और अब यह सम्भव नही है कि संसार का कुछ हिस्सा तो आजाद रहे, और कुछ गुलाम।" भूदेव ने वैसे ही उत्तेजित स्वर मे कहा।

"आज के अणुयुग को क्या आप मानव हित का प्रतीक नहीं मानते?" स्मिथ ने प्रश्न किया।

"अणुयुग मे शान्ति मानव के अस्तित्व की कसौटी बन गई है, अर्थात्ज ब तक शान्ति है, तभी तक मानव जीवन है।" भूदेव ने अत्यन्त गम्भीरता से जवाब दिया।

"यह तो आप स्वीकार करते है कि आज के संसार का संतुलन दो महान् शक्तियो पर आधारित है और ये शक्तियाँ अमेरिका और रूस है।" जोरोवस्की ने भेद भरी नजर स्मिथ पर डालते हुए भूदेव से प्रश्न किया।