"एक न शुद दो शुद। अभी तो नहरी पानी और काश्मीर का ही मसला था, अब यह तीसरा शिगूफा चला।"
"और लुत्फ यह है कि इन सव बातो मे भारतीय मुसलमानो के लिए सहानुभूति का सागर उडेल दिया गया है। एक नया गफ्फा यह परोसा गया है कि राजस्थान सरकार ने अलवर की मस्जिद और दरगाह पर जबर्दस्ती कब्जा कर लिया है, वहाँ वह मण्डी बना रही है।"
"लेकिन पाकिस्तानी पत्र तो दो साल पहले ही कह चुके है कि वहाँ मण्डी बन चुकी है।"
"खैर, कोई बात नही। भारत को इस तरह बदनाम करके भी अयूब मियाँ पाकिस्तान का सुधार कर सके तो कुछ बात नही है।"
"अन्तर्राष्ट्रीय समस्याएँ उलझती ही जा रही है। जिधर देखिए शीतयुद्ध ही दिखाई दे रहा है। जेनेवा मे जो सम्मेलन हुए, जिनमे परमाणु परीक्षणो का स्थगन तथा आकस्मिक हमलो की रोकथाम पर विचार हुआ, उनमे क्या प्रगति हुई? कुछ नही, क्योकि रूस और पश्चिमी देशो के दृष्टिकोणो मे ही अन्तर है।"
"परन्तु ये परीक्षण तो हर हालत मे बन्द होने चाहिए। ये तो मानवता के विरुद्ध अपराध है।"
"मेरा भी यही मत है। शीतयुद्ध की सबसे अनोखी बात यह है कि प्रत्येक राष्ट्र शान्ति चाहने का दम्भ करता है, परन्तु बातचीत युद्ध की धमकी से भी अधिक हिंसक होती है। यह एक अजीब बात है कि जहाँ सैनिक प्रशासन चल रहा है, उन्हे भी प्रजातन्त्री देश कहा जाता है। अब से दस बरस पहले सयुक्त राष्ट्र मे मानव अधिकार का घोषणापत्र स्वीकार किया गया था परन्तु दक्षिणी अफ्रीका की रगभेद की नीति मानव अधिकारो से कहाँ मेल खाती है?"
"गिनी-घाना ने मोटे तौर पर एक होने का समझौता किया है। नहीं कहा जा सकता कि यह कोई फैडरेशन होगा या यूनियन। परन्तु इन