यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३०३
खग्रास

की लडाई का है। यदि पाकिस्तान ने हमला किया तो अमृतसर पहिले ही दिन खत्म हो जायगा।"

"शायद इस खतरे के डर से रात को तुमको नीद भी नहीं आती।"

"आप मेरा मजाक उडा सकते है, पर आप देखेंगे कि दिल्ली और कलकत्ते पर एक ही दिन मे बम बरस सकते है।"

"खैर, दूसरे खतरे की बात कहो।"

"दूसरा खतरा लाल क्रान्ति का है।"

"यह कैसा खतरा है?"

"आप क्या देखते नही कि देश भर मे साम्यवाद के विचार भर रहे है। दक्षिणी सेना के सिपाहियो मे गर्मी आ रही है। आपने क्या नही देखा कि लाखों ने साम्यवाद के पक्ष मे राय दी। यद्यपि कम्युनिस्ट अधिक नही चुने गए, तोभी लाखों की राय से कम्युनिस्ट पार्टी का प्रभाव प्रमाणित है। रूस मे जब लाल क्राति हुई थी, तब वहाँ इतने कम्युनिस्ट नही थे जितने इस समय भारतवर्ष मे है। आप भले ही कहे कि हम इन लाल मुर्गों से नही डरते, पर मै तो इसे देश के लिए खतरा मानता हूँ।"

"परन्तु तुम तो रूस के मित्र हो। तुम्हे तो लाल क्रान्ति के खतरे से प्रसन्न होना चाहिये।"

"मै इसे खतरा इसलिए कहता हूँ कि लाल क्रान्ति सफल तो होगी नही, मारकाट, लूटमार और बरबादी अधिक होगी। यह भी सम्भव है कि लाल क्रान्ति होने पर कॉंग्रेसी नेता अँग्रेजी सेना को बुला लें।"

"खैर, तीसरा खतरा कौनसा है?"

"तीसरा खतरा फौजी क्रांति का है। मुझे भय है कि वर्तमान देश की दशा मे हमारी सैनिक क्रांति भयानक उपद्रव न उत्पन्न कर दे।"

"कैसा उपद्रव?"

"मजदूरो की हडताल, डाक-तार-रेल का बन्द हो जाना और मार-काट सभी कुछ सम्भव है।"