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खग्रास

रूस और अमेरिका खतरनाक बम बनाने मे लगे है परन्तु विश्व का सब से बडा खतरनाक बम जनसख्या का आधिक्य है जिसे ससार भर के मनुष्य तैयार करने में जुटे है। लाखो व्यक्ति भोजन की खोज में रहने है। अन्तरिक्ष की खोज भी अच्छी है, पर मानव को पहले यह सोचना होगा कि इस पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए स्थान और पर्याप्त भोजन मिलना चाहिए।"

"आपकी बात ठीक है, पर क्या कारण है कि ससार के वैज्ञानिक इन बातो को नही समझते और लोक हित पर उनकी दृष्टि केन्द्रित नहीं है। वे मानवता को नर्क के गर्त मे धकेल रहे है।"

"वे सब कुछ समझते है। पर असल बात यह है कि वैज्ञानिको का कोई सामाजिक जीवन नही हे और वे सर्वथा अपने देश की सरकारो पर आधारित है। आज विज्ञान तथा प्राविधिक ज्ञान का क्षेत्र बहुत आगे वढ गया है परन्तु मनुष्य का मानसिक दृष्टिकोण भय, घृणा और दूसरे शब्दो मे शीतयुद्ध से ओत-प्रोत है। यह अत्यन्त आवश्यक है कि विज्ञान और प्राविधिक ज्ञान को इन बातो से मुक्त होना चाहिए।"

"आप क्या समझती है अन्तरिक्ष युग मानव के लिए कोई कल्याणकारी सन्देश ला रहा है?"

"मैं तो एक ही बात कह सकती हूँ कि अन्तरिक्ष युग मे मानवता कायम रखने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न करने की आवश्यकता है। आज अच्छे वैज्ञानिक और अच्छा आयोजन संसार के विनाश को नहीं रोक सक रहा है। ससार के सभी लोगो का स्तर ऊँचा उठाने के साधन और तरीके मौजूद है। फिर भी वह नहीं हो रहा है। उसमे कुछ बाधाएँ है और वे बाधाएँ है मानव मस्तिष्क की असफलता। खेद है कि अत्यन्त विकसित देश भी ऐसा रास्ता अपना रहे है जो जडमूल ही से गलत है। विश्व पर विजय करने के बाद भी उनका मन भय और घृणा के वातावरण से भरा है।"

"आपका अभिप्राय यह है कि अब वैज्ञानिक संसार का नेतृत्व करे?"