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खग्रास

"एक कमरे मे वे सब ठीक-ठीक फिट कर दिए गए हैं।"

"क्या मैं तुरन्त उनका उपयोग कर सकता हूँ?"

"ओह, तुरन्त।"

"तो चलो प्रिये, मुझे अभी कुछ महत्वपूर्ण सन्देश मास्को भेजने है।"

"चलो।"

हाँ, तो भीड़ को चीरते हुए वे बाहर निकल आए। युवती की मोटर बाहर तैयार थी। युवती स्वयं ड्राइव करने बैठ गई, और मोटर शान्त सन्नाटे से भरी सड़कों पर तेजी से चल दी। किसी ने भी नहीं जाना कि इस समय इस मोटर मे दो अत्यन्त रहस्यपूर्ण व्यक्ति उड़े चले जा रहे हैं।


भूभौतिक वर्ष

१ जुलाई, सन् १९५७ से ३१ दिसम्बर, १९५८ तक संसार के वैज्ञानिक अन्तर्राष्ट्रीय भूभौतिक वर्ष मना रहे थे। इस अन्तर्राष्ट्रीय योजना में संसार के ६४ राष्ट्रों के ५ हज़ार से भी अधिक वैज्ञानिक भाग ले रहे थे।

अब से ७५ वर्ष पूर्व सन् १८८२-८३ मे वैज्ञानिकों ने पहला भूभौतिक वर्ष मनाया था। इसके ५० वर्ष बाद १९३२-३३ में बारह राष्ट्रों ने दूसरा भूभौतिक वर्ष मनाया। इसके २५ वर्ष बाद सन् ५० में वाशिंगटन में वैज्ञानिकों की एक बैठक में गम्भीर विचार विमर्श करके ५७-५८ में भूभौतिक वर्ष मनाने का प्रस्ताव किया गया था जिसका मुख्य कारण यह था कि सन् ५७-५८ में सूर्य मण्डल में अनेक उथल-पुथल और विस्फोट होने की सम्भावना थी। सन् ५४-५५ और ५६ के अन्तर्राष्ट्रीय भूभौतिक की अनेक समितियों की जो अनेक बैठक हुईं, उनके फलस्वरूप ही वाशिंगटन में बनी योजना के अन्तर्गत इस अन्तर्राष्ट्रीय भूभौतिक वर्ष का कार्यक्रम निश्चित किया गया था। अमरीकी काँग्रेस ने अन्तर्राष्ट्रीय भूभौतिक कार्यक्रम के लिए कोई चार करोड़ डालर मंजूर किए थे। साथ ही प्रतिरक्षा विभाग भी इस कार्य पर लाखों डालर खर्च कर रहा था।