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खग्रास


एक एक करके सभी पर प्रयोग किए गये। पर सफलता न मिली।

सब मौन थें। सबके हृदय भारी हो रहे थें। वे सब नीची गर्दन करके निकले। उन्होंने एक बार फिर मुड़ कर अनन्त नींद में उन सोने वालों को देख कर सम्मान से सिर झुकाया। और केबिन से बाहर निकल आए।

बाहर आकर प्रोफेसर ने कहा—"दोस्तों, अब अनन्त नींद में सोये हुओ को हमें नियम पूर्वक दफना देना चाहिये।"

स्मिथ ने आगे बढ़ कर कहा—"राबर्ट एस॰ स्काट क्रिश्चियन थें, हमे क्रिश्चियन विधि से उनकी और उनके साथियों की अन्त्येष्टि करनी चाहिये।"

"आप ऐसा ही कीजिये दोस्त, हम आपके साथ हैं।"

स्मिथ ने घुटनों के बल बैठ कर प्रार्थना की और केबिन का द्वार कीलों से बन्द करके सब लोगों ने उसे बर्फ से ढक दिया। और सब लोग लौटे।

हरा सूर्य—अनोखी रात

अन्धाधुन्ध आँधियाँ चल रही थी। अँधेरा बढ़ता चला आ रहा था। लम्बी रात धीरे-धीरे आ रही थी। जो साढ़े नौ महीने होने वाली थी। सूरज तेज घेरे में घूम रहा था—वह कुछ ही समय के लिये क्षितिज से नीचे आया—किन्तु सूर्यास्त का दृश्य घण्टों तक वैसा ही कायम रहा। इस समय सूर्य हरा दीख रहा था। बड़ा ही प्रभावशाली और अनौखा दृश्य था—जिसे कदाचित अभी तक मनुष्य की आँखों ने नहीं देखा था। सूर्य के हरे रंग का कारण यह था कि क्षितिज पर उसकी निखरी किरणें पड़ रही थी।

अन्तत सूर्यास्त हो गया, और एक भूरे से झुटपुटे में उसने स्थान ग्रहण कर लिया। अब महीनों के लिये यह अन्धकार छाया था, और केवल उत्तर से प्रकाश का कुछ आभास हो रहा था। तारे खूब चमकने लगे। क्योंकि हवा निर्मल और स्वच्छ थी। स्वच्छ दक्षिणी प्रकाश धारा भी उत्तरी