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मिय, मै आज मरी भारी-सी साजन, निय, म गाज भरी झारी सी, ततक हुलगी जी चरण में, ताम7 बारी सी, माज परी मारोती। ? अमित करने 7काया--- मै पाई ह तस तम छागा, प्राणापरण में नहीं सुहाती- जग उजियारों की राह माया, नाज अँधेरे में खिल डोला, हिय कालका थारी सी, प्रिय, मै भान भरी झारी सी। २ यह तम का पर्दा रहने दो, मेरा “ग्रह यहा बहने दो, इस अधियाले म ही मुझको आत्म विसर्जन सुस सहने दो, ओ मेरे प्रकाश, आओ आहे चादर प्रिय, मे श्राज भरी झारी सी / कारी सी, बनीस