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तुम मेरी लोल लहर लोल लहर, तुम मेरी निझरिणी, तुम मेरी तुम मेरे गहर मॅनर, तुम मेरे करा कल रवर । ? १ तुम मेरी मृदु शुति, लय, तुम मेरे सजला गान, तुम मेरी तारा तरल, तुम मेरी नवल तान, तुम मेरी अन्य वीरा, तर मेरे वीण कारा, तम हो मम वे स्वर जो गराके हे ठहर ठहर ! तुम मेरी तोल लहर। २ तुम मेरी रस कविता, तुम मेरे स्नेह छ द, तुम मम यभिचारी भार, सहज, चिर, श्रमद, तुम मेरे अभि यजन, तुम मग पान द क द, तिम मम शृङ्गार करुण गहा शात रस सागर । तुम मम कल्लोत लहर ! ३ तुम मेरी ज्यातिकिरण, तुम मेरे नील गगन, सजन, नयन तारा तुम, तुम मेरे ध्यान मगन, न