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कोड स्वराज

जब डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इन्डिया (DLI) का सर्वर ऑनलाइन था और मैं उनकी प्रतिलिपि ले रहा था उस वक्त मैंने उन्हें लिखने की कोशिश की। मुझे कोई उत्तर नहीं मिला। अंत में एक विख्यात प्रोफेसर मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि, “तुमने इसे हमलोगों से सलाह किए बिना ही यह कर डाला” तो मैंने कहा, “यह डेटा वर्ष 2015 से रक्खी है।"

हमने अंदाजा लगाया कि वहाँ कोई देखने वाला नहीं था। हम किसी से बात करना चाहते थे पर किसी ने बात नहीं की। इसलिए मैंने आगे बढ़कर इसे हासिल कर लिया।”

इतना ही नहीं, ये पुस्तकें हैं। जब ये इंटरनेट पर है मैं आपके सर्वर को हैक नहीं कर सकता। परंतु यदि यह सार्वजनिक डाटा है - जिसका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है। तो मझे उसे प्राप्त करने और देखने का अधिकार है। यदि कॉपीराइट का कोई मामला सामने आता है तो मैं इसकी जिम्मेदारी संभाल सकता हूँ। हम लोग ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए तैयार हैं। इसलिए इस पुस्तकालय को ऑनलाइन कर दिया गया है।

अब, आप पूछ सकते हैं कि “ये चीजें क्या महत्व रखती हैं? हमें पब्लिक प्रिंटिंग की जरूरत क्यों है?” आज दुनिया की स्थिति खराब है। इसके बारे में आप क्या सोचते हैं यह मैं नहीं जानता। परंतु, आय की असमानता से गरीबी, बीमारी, भूख की समस्या में वृद्धि हुई है। भारत में खाद्य पदार्थ का उत्पादन जरूरत से ज्यादे है फिर भी यहाँ 20 करोड़ लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं है।

हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। जलवाय परिवर्तन जैसी चीजें हमारे ग्रह के प्रति अपराध करने जैसा है। आप ग्लोबल वार्मिंग को देख सकते हैं, यह असंभव बात नहीं है, यह सत्य है। यह विज्ञान है।

असहिष्णुता को ही लें। दूसरे जाति और धर्म के लोगों के प्रति हिंसा करना। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा करना। असहिष्णुता की भावना रखना। विचारों के प्रति असहिष्णुता। बैंगलोर में गौरी लंकेश की हत्या जैसे भयानक कांड।

मिथ्या समाचार? फेसबुक पर जातिवाद फैल रहा है? मिथ्या विचारों को लोग साझा करते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका में हमारे राष्ट्रपति को चुनाव में जीतने में मदद करते हैं? प्रश्न यह उठता है कि ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं?

मेरा यह मानना है कि प्रत्येक पीढ़ी को किसी-न-किसी रूप में अवसर प्राप्त होते हैं। यदि आप तकनीक से संबंधित व्यक्ति हैं और 1960 के दशक के प्रारंभिक समय के हैं तो आप सैम की उम्र के हैं। आपने डिजिटल फोन की स्विच, या कंप्यूटर का आविष्कार करने में योगदान दिया होगा। यदि आप 1950 के दशक के व्यक्ति हैं तो आप शायद एरोस्पेस में काम कर रहे होंगे। कुछ चीजें समाजिक मुद्दों से संबंधित होते हैं। ऐसी कई चीजें है जो हम कर सकते हैं। यदि आप 1880 के दशक के हैं तो आप अनैच्छिक दासता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे होंगे। आप गांधीजी के अनुयायी बने होंगे।

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