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परिशिष्टः पारदर्शिता कब उपयोगी होती है?

किससे पैसा मिलता है, लेकिन उनका अनावृत (डिसक्लोज्ड) अभिदान (कनट्रीब्यशन) उन्हे मिले वास्तविक अभिदान का बहुत ही छोटा भाग होता है। जैसा कि कैन सिल्वरस्टीन ने हार्पर प्रकाशक के लिये अपने लेखों की श्रृंखला में उल्लेख किया है कि कैसे एक कांग्रेस का सदस्य होने के कारण ऐसे लोगों को अनेक तरीके से अनुलाभ (पक्सी और नकदी बड़ी मात्रा में मिलती है जबकि यह बात छिपाई जाती है कि यह आया कहां से। इनमें से कुछ लेख उनकी पुस्तक ‘तुर्कमेनिस्कैम (रैंडम हाउस)' में शामिल हैं।

पारदर्शिता के प्रशंसक, इस शब्द के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। वे कहते हैं, “ठीक है। लेकिन कुछ तो डेटा सही होंगे। अगर ऐसा न भी हो तो क्या हम ये नहीं सीखते कि लोग किस प्रकार झूठ बोलते हैं?” संभवत: यह सही है, हालांकि इस बारे में कोई अच्छा उदाहरण मिलना मुश्किल है (वास्तव में ऐसे पारदर्शी कार्य का कोई अच्छा उदाहरण सोचना मुश्किल है, जिसमें कुछ भी प्रमाणित हुआ हो, सिवाय इसके कि उसमें पादर्शिता अधिक हुई है)। लेकिन हरेक चीज की अपनी एक कीमत होती है।

विश्व भर में पारदर्शिता परियोजनाओं के लिए सैकड़ों लाख डॉलर खर्च किए जाते हैं। वह पैसा आसमान से नहीं आत है। प्रश्न यह नहीं है कि पारदर्शिता बिल्कुल न होने के बजाय कुछ पारदर्शिता तो बेहतर है। बल्कि यह कि क्या इन संसाधनों को खर्च करने के लिए, पादर्शिता ही सबसे उपयोगी है। यदि इन संसाधनों का उपयोग अन्यत्र किया जाए तो क्या इसका प्रभाव अपेक्षाकृत बेहतर नहीं होगा।

मुझे ऐसा ही लगता है। यह सारा पैसा, सीधे उत्तर प्राप्त करने के लक्ष्य से खर्च किया गया, न कि सिर्फ कुछ काम करने के लिये। अमल करने की शक्ति के अभाव में, विश्व के अधिकांश पठनीय डेटाबेसों से कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, भले ही ये पूर्णत: सही भी हों तो भी। इसलिए लोग ऑनलाइन पर जाते हैं और देखते हैं कि सभी कारें खतरनाक हैं, और सभी राजनेता भ्रष्ट हैं। यह जानने के बाद भी वे क्या कर सकते हैं?

निश्चित रूप से, वे छोटे बदलाव कर सकते हैं - इस राजनेता को शायद दूसरे की तुलना में कुछ कम तेल-धनराशि मिलती है, इसलिए मैं उसे अपना वोट दूंगा (दूसरी ओर, हो सकता है कि वह बेहतर तरीके से झूठ बोलती हो, और तेलधनराशि को वह किसी पी.ए.सी या अन्य प्रतिष्ठानों (फाउन्डेशन) या अन्य प्रचारकों (लौबिइस्ट) के माध्यम से लेती हो)- लेकिन इससे वे किसी बड़े मुद्दे का समाधान नहीं कर सकते हैं जो सरकार कर सकती है: वेबसाइट पढ़ने वाले थोड़े से लोग, कार कंपनी को बाध्य नहीं कर सकते हैं कि वे सुरक्षित कार बनाएं। आपने अपनी वास्तविक समस्या के समाधान करने के लिए कुछ नहीं कर पाये हैं। आपने इसे और अधिक निराशाजनक बना दिया है: सभी राजनेता भ्रष्ट हैं, सभी कारें खतरनाक हैं। आप कर ही क्या सकते हैं?

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