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रायबरेली के अन्तर्गत सुरसरि-तट दौलतपुर ग्राम, श्रीहनुमन्त-तनय जिसमें थे रामसहाय द्विवेदी नाम। उनके एकमात्र सुत मैंने यह कुमारसम्भव का सार, अबके कवियों को प्रणाम कर किया यथामति किसी प्रकार॥
इति