कुमारसम्भवसार।
अर्थात् महाकवि कालिदास-प्रणीत कुमारसम्भव के प्रथम पांच सर्गों का पद्यात्मक सारांश
अनुवादक महावीरप्रसाद द्विवेदी।
प्रकाशक इंडियन प्रेस, प्रयाग