पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/४०

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१८१ जहांगीर १८२ शाहजहां ४७५२ ४७८३ १८३ औरंगजेब २८४ मुअज्जमबहादुर । थाह शाह आलम ४८३१ ४८३६ नधिवान बादशाह की कहानी संसार में प्रसिह है। २२ । सन् १६०५ में तन पर बैठा १६२७ ई० में मरा। ३१ | १६२८ में तन घर बैठा १६५८ में औरंगज़ब ने कैद किया १६६४ में मरा।। १७०७ में मरा। औरंगज़ब के पीछे मुसल्मानों का राज्य शिथिल हो गया इससे कई बादशा हुए। सब नाम यथाक्रम लिए जायं तो पहले प्राज़िम फिर मुअब्जम, जहांदार- शाह, फर खसियर, रफ़ोउल दरजात, रफ़ी उलदौलत, नकोसीर, मुहम्मदशाह, इबराहीमथाइ, अहमदशा- ह, आलमगीरसानी, शाहजहान, शाहआलम, बद- रबरन अकबरसानी और बहादुरयाइ ये नाम होंगे। २८५ जहांदारयाह १८६ फखसियर १८७ मुहम्मदशाह * २८८ नादिरशाह * ४८३७ ४८४३ ४८६३ ४८७८ १५ १७१८ में तख्न पर बैठा । सन् ११५१ हिजरी में नादिरशाह का खुतबा कश्मीर में पढ़ा गया । किन्तु नादिर के मरने पर कश्मीर फिर कुछ दिन गड़बड़ में रहा । १९६१ हिजरी में अहमदशाह के वज़ीर असमतुद्दीनखां ने चढ़ाई की थी पर हार गया। ११६६ हिजरी में पूरी तरह पर कश्मीर अहमद के अधिकार में आया। १२८ अहमदशाह* ४८७८ ३३.