इस के सिवाय एक को "टीवान बहादुर" की, एक को "दीवान' की, और १३ को “आनररी असिसृन्ट कमिशन” की पदवी दी गई ।
दो यूरोपियन महाशयों को फारिन डिपार्टमेन्ट के प्रानररी असिस्न सेक्रिटरी का, और आनररी असिसृन्ट प्राइवेट सेनिटरी का पद भी अलग २ दिया गया।
सेना के कितने अधिकारों के साथ भी "सरदार वहादुर" और "बहा- दुर" की पदवियां लगा दी ग और सब छोटे २/अधिकारियों, नहाज़ी नौकरों, सेना के सिपाहियों और गोरों को एक २'दन की तनखाह इनाम मिन्ती और दुमरी रियायतें भी इन के साथ की गई। इस के सिवाय नेटिव कमिशन्ड आफिमर लोगों की तनखाह भी कुछ बढ़ा दी गई है।
रहीमखां खांवहादुर, असिसृन्ट सर्जन लाहौर को " आनररी सर्जन " को पदवी मिली।
श्रीयुत रणवीर सिंह जी सी० एस० आइ. महाराज नम्बू और कश्मी- र, और श्रीयुत जयाजीराव सेंधिया जी० सी. एस. आई. महाराज ग्वा- लियर को सेना के जेनरल [ जरनैल ] का पद प्रतिष्ठा की रीत पर श्रीमती गाजराजेश्वरी की ओर से दिया गया ।
शजालोगों के सलामो को शोधौ हुई नई फिहरिस्त ।
गायकवाड़ बड़ोदा, निजाम हैदगबाद और महाराज मैसूर ।
महारानी मेवाड, ख़ान किलात; वेगम भूपाल; महाराज जम्न, इन्दौर, ग्वालियर, ट्रैवंकोर और कोल्हापुर ।
बहावलपुर के नवाब, बूंदी के महाराव राजा, कोटा के महाराव, को- चीन के राजा, कच्छ के राव; और भरतपुर बीकानेर जैपुर करौली जोधपुर पटियाला और रीवा के महाराजा ।