नाम राजानीको गत कलि | राज संख्या ट्रायर कीमत से समय कनिहम के मत से समय विल्सन के मत से समय विशेष वर्णन। राज्यकाल शंखराज ४२१७१७२ • १५ २४१ सलह ४२२७१८.२२ . २४२ सुसलह | भिक्षाचर १४४ | जयसिंहदेव ४२३३।८।२२/ ४२३४.२१२२/ ४२५६।२।२२ • • • १०८८ उच्चल को मारकर ताजपर बैठा. नामान्तर रडड. इस को उच्चन ने भाई सस्मत ने मारडाला. मुसलमानों ने इस का नाम न लिया है। १११० | १०.२० १। २२/ इन बाजाओं के समय में वड़ो लड़ाई हुई. मुसलमानों ने इस का नाम भसस और एस के भाई का नाम एजिल लिखा है। १०७२ | १६ | मनदेवका छोटा नेटा उचल ना भाई । २१२७ •ial. २२ | मुमल्मानों का जैनक. मुसल्मानों ने इस के राज्य का अन्त ५३५ हिजरों में लिखा है. राजतरंगिणी बनी. शाके १.७० में यहां तका पूरा हिसाव करने से गत- कलि ईसवी हिजरी संवत शाका सव दस पंदरह व. रस के हर पार में ठीक हो जाते हैं । 2180 १९५० । ११६६ । ११२६ २४५ परमान २४६ वन्दिदेव १४७। वोग्यदेव ४२६५८२२] ४२७२।८।२२ ४२८९।८।२२ ०
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