पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/३४

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| राज्यारस तक कवियों को उदय का काल था । १३३1 दिद्दा ४१२२ । ४१२२ १८८२ १२ । ८८० | १००१ । २३ । पूर्वोक्त तीनों को मार कर राज पर बैठी।। १३४ | संग्रामदेव ४१४६८ १००६।८१००३।६ १०२४ । ७ २४ | इसके काल में हम्मीर नामक तुर्क ने चढ़ाई की और हार पाई। १३५ / हरिराज और ४१८८१७ . २०२८ १०३२ ५२।४।७, सोमदेव ने बहत्कथा में अनन्त का पिता संग्रामदेव अनन्तदेव लिखा। हरि ने २२ दिनमात्र राज्य किया या फिर अनन्त राजा हुआ अनन्त ने फोन के लोगों को एक वेर ८२ करोड कश्मीरी रुपया बांटा था । १३६ कलंश | ४२०७।२१७० १०८० | १०५४ ८.१ | मुमतानों का गुलशन । विल्हण ने अपने विक्रमांक चरित में इसकी वडी स्तुति लिखो है। इसकी माता का नाम सुभटा और मामा का नाम लोहराखण्डन क्षितिपति था । ये लोग वैष्णवउदार और पण्डित थे । २३८ उत्कर्ष और हर्ष ४२०७१३ . १०८८ । २०६२ ०।०२३ विल्हण ने इन का एक भाई विजयमल नामक और लिखा है। सोमदेव ने हत्कथा इसो के समय में बनाई और लेखकों के मत से इस ने १२ वर्ष राज्य किया था। चालुक्य वंश में एक विक्रम उस समय भी धा। और लेखकों का मत है कि यह पिता पुत्र भाई सव एक काल में जुदा जुदा राज्य बांटकर करते थे सुसल्मानों ने लिखा है कि १२०. मशालें नित्य इस को सभा में वलती थीं. और वडाही न्यायी था । २३८ | उदयन विक्रम ४२५४।७।२ | ० ११०० | १०६२ /१०।४।२ हर्ष से राज्य पाया. नामान्तर उद्दाम विक्रम वा उचल, | मुसल्मानों का बाजिल ।