पृष्ठ:काव्य दर्पण.djvu/६३

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ही यथार्थ सम्मेलन है, साहित्य है।" हर्बर्ट रोड शब्दाथ-साहित्य के सम्बन्ध में जो कहते हैं उसका भी सारांश यही है कि काव्य में शब्द और अर्थ का सुन्दर साहित्य अर्थात् शोभादायक सम्पर्क होना चाहिये । ___ साहित्य बाह्य जगत् के साथ हमारा रागात्मक सम्बन्ध स्थापित करता और हम जगत् में अपनेको और जगत् को अपनेमें पाते हैं। खीन्द्रनाथ के शब्दों में "सहित शब्द से साहित्य में मिलने का एक भाव देखा जाता है । वह केवल भाव- भाव का, भाषा-भाषा का, ग्रन्थ-ग्रन्थ का ही मिलन नहीं है; किन्तु मनुष्य के साथ मनुष्य का, अतीत के साथ वर्तमान का, दूर के साथ निकट का, अत्यन्त अन्तरंग मिलन साहित्य के अतिरिक्त अन्य किसीसे संभव नहीं।" टाल्स्टाय भी कहते हैं "कला मनुष्यों में भावात्मक संबंध स्थापित करने का द्वार है।"3 कला साहित्य का साथी है। साहित्य शब्द आधुनिक कहा जा सकता है, पर काव्य शब्द बहुत प्राचीन है। पहले साहित्य शब्द के लिए काव्य शब्द का ही प्रयोग होता था। वैदिक काल से लेकर इसका निरन्तर व्यवहार हो रहा है । वेद में काव्य शब्द अनेक स्थानों पर आया है और उसका अर्थ होता है-कविकर्म, कवित्व, स्तोत्र, स्तुत्यात्मक वाक्य । काव्य शब्द की व्युत्पत्ति भी यही अर्थ सिद्ध करती है। संस्कृत में साहित्य शब्द सिद्धान्त-ग्रन्थों के लिए एक प्रकार से रूढ़ हो गया हैं। यह प्राचीन रूढ़ि अब मिटती जा रही है और साहित्य शब्द काव्य का ही नहीं, वाङ्मयमात्र का बोधक होता जा रहा है। इस अर्थविस्तार के कारण अब उसमें विशेषण का संयोग भी आवश्यक होता जा रहा है। जैसे कि संस्कृत-साहित्य १. समौ सर्वगुणौ सन्तौ सुहृदामिय संगतौ । ___ परस्परस्य शौभायै शब्दार्थों भवतो यथा। व० जी० १. Poetry is expressed in words and words suggest images and ideas and in poetry we may be explicitly conscious of both the words and ideas or images with which they are associated. The two must be aesthetically relevant. They must form parts of a single harmonious system. As A.C. Bradley has it the meaning and sounds are one; there is, I may put it to a resonant meaning or a meaning iesonance. ३. It (art) is a means of union among men joining them together in the same feeling. ४. भारमा यशस्य रह्या सुष्वाणः पवते सुतः प्रत्न हि पाति काव्यम् । ऋक् ६७५