पृष्ठ:काव्य दर्पण.djvu/३२५

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ध्वनि के ५१ भेद का एक रेखाचित्र लक्षणामूल क ( अविवक्षितवाच्य) प्राधामू नक ( विवक्षितान्यपरवाच्य) अर्थान्तरसंक्रमित अप्यन्ततिरस्कृत असंलक्ष्यक्रम (रसध्वनि) संलक्ष्यक्रम पदगत वाक्यगत पद्रगत वाक्यगत (१) पद गत अर्थान्तर (२) वाक्यगत अर्थान्तर- १ पदगत, २ पदांशगत संक्रमित संक्रमित ३ वाक्वगत ४ रचनागत (३) पदगत अत्यन्त, (४) वाक्यगत अत्यन्त- ५ प्रबन्धगत तिरस्कृत तिरस्कृत ६ वर्णगत कृल ४ भेद कुल ६ भेद शब्दशक्तिमूलक अर्थशक्ति-मूलक १ शब्दार्थोंभयशक्तिमूलक (१) पदगत वस्तुध्वनि (२) वाक्यगत वस्तुध्वनि (३) पदगत अलंकारध्वनि (४) वाक्यगत अलंकारध्वनि कुल ४ भेद स्वतःसंभवी कविपौढोक्तियात्रसिद्ध कविनिवद्धपात्रपौढ़ोक्तिमात्र सिद्ध (१) वस्तु से वस्तुध्वनि (१) वस्तु से वस्तु ध्वनि (१) वस्तु से वस्तुध्वनि (२) वस्तु से अलंकारध्वनि (२) वस्तु से अल कारध्वनि (२) वस्तु से अलकारध्वनि (३) अल कार से वस्तुध्वनि (३) अलकार से वस्तुध्वनि (६) अल कार से वस्तुध्वनि (४) अलंकार से अल कार- ४ अल कार से अखंकार (४) अल कार से अलकार- धनि ध्वनि इन चारों में प्रत्येक के इन चारो में प्रत्येक के इन चारों में प्रत्येक के (१) पदगत (१) पदगत . (१) पदगत (२) वाक्यगत और (२) वाक्यगत और (२) वाक्यगत और . (३) प्र गत के भेद से (३) प्रबन्धगत के मेद से. (३) प्रबन्धगत के भेद से से जाते १२ भेद हो जाते हैं। १२ भेद हो जाते हैं। ध्वनि