काव्य निर्णय "मालम"-"श्रालमकेलि, माधवानल-कामकंदला (नाटक)". "मुबारक"-"अलकशतक, तिलशतक तथा फुटकल-कवित्त, सवैया ।" "विहारी"-"विहारी सतसई।" "चिंतामणि".-"कविकुल-कल्पतरु, काव्य-प्रकाश, काव्य-विवेक, छंद- विचार तथा रसमंजरी एवं रामायण ।" "सेनापति"११-कवित्त-रत्नाकर, काव्य-कल्पद्र म ।" "मंडन"१२-- "रसरत्नावली, रसविलास, जनकपचीसी, जानकी जू को ब्याह, नेन-पचासा तथा-फुटकल कवित्त, सवैया। "सुखदेवमिश्र13-छंद-विचार, फाजिलबली-प्रकाश, वृत्त-विचार, रमाणव, शृंगारलता, अध्यात्म-प्रकाश । "नीलकंठ"""-"फुटकल छंद-"कवित्त, सवैया ।" "देव"१५-"भावविलास, अष्टयाम, भवानीविलास, सुजानविनोद, प्रेम- तरंग, रागरत्नाकर, कुशलविलास, देवचरित्र, प्रेमचंद्रिका, जातिविलास, काव्य- रसायन (शब्द रसायन ), सुख-सागर तरंग, वृक्षविलास, पावसविलास, ब्रह्म- दर्शनपचीसी, तत्त्वदर्शनपचीसी, अात्मदर्शनपचीसी, जगद्दर्शनपचीसी, रसानंद- लहरी, प्रेमदीपिका, सुमिलविनोद, राधिकाविलास, नीतिशतक, नख-सिख- प्रेमदर्शन।" "निवाज""-"शकुन्तला नाटक तथा फुटकल छंद कवित्त-सवैया ।" "भूषण'१७ -"शिवभूषण या शिवराजभूषण, भूषणहजारा, भूषणोल्लास, दूषणोल्लास तथा अल्पमत से-"शिवावावनी" और "छत्रशाल दशक ।' "रसलीन"१८-रसप्रबोध, अंगदर्पण ।' "मतिराम"१९-रमराज, ललितललाम, छंदसार, साहित्य-सार, लक्षण- शृंगार, सतसई।" "तोषनिधि'२० सुधानिधि, नखसिख, विनयशतक ।" "निपटनिरजन"२१-फुटकल छंद, कवित्त, सवैया । अस्तु, ये संपूर्ण कवि ब्रजभाषा साहित्य-सूर्य “श्रोसूर" जो कि भक्त-कवि, मंगीति के सुजक और गेय-पद-रचना के श्रादि गायक है, को छोड़कर अन्य सभी कवि "रीति-कालिन-कविता के प्रमुख प्राचार्य और उसके स्तम्भ है, इत्यादि..."
- , पालम के लिये विशेष रूप से देखिये जवाहरलाल चतुर्वेदी संपादित "पोदार अभिनंदन
ग्रथा जो 'प्र० भा० ब्रजसाहित्यमंडल मथुरा से प्रकाशित हुआ है। इनका 'आलमकलिप्रप ला. भगवानंदीन जी के संपादकत्व में काशी से प्रकाशित हो चुका है।