पृष्ठ:काव्य-निर्णय.djvu/२७

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विभावना-कुछ कारण से कुछ कार्य होने का उदाहरण, छठवीं विभा-वना-कार्य से कारण होने का उदाहरण (३३६), व्याघात अलंकार-वर्णन (३३८), प्रथम व्याघातरूप कार्य का अन्यथा होने का उदाहरण,द्वितीय व्याघातरूप किसी को विरुद्ध-ही शुद्ध का उदाहरण (३४०),विशेषोक्ति लक्षाणा वर्णन (३४२), विशेपोक्ति उदाहरणा वर्णन, असंगति अलंकार वर्णन (३४४), प्रथम-कार्य कारण विभिन्न स्थल रूप असंगति का उदाहरण (३४५), द्वितीय अन्य स्थल की क्रिया अन्य स्थल में होने के रूप में असंगति का वर्णन (३४७), तृतीय असंगति अन्य कार्यारंभ से अन्य कार्य होने का उदाहरण (३४९), विषमालंकार वर्णन (३५१),प्रथय विषम रूप अनमिल बातों का उदाहरण (३५३), द्वितीय विषम-कारण-कार्य विभिन्न का उदाहरण, तृतीत विषम-कर्ता को क्रिया फल न मिलने का उदाहरण वर्णन (३५४):

१४-चौदहवाँ उल्लास:
३५७-३८४,
 

उल्लासादि अलंकार वर्णन (३५७), उल्लासालंकार वर्णन (३५८), प्रथम उल्लास-गुण से गुण का उदाहरण (३५६), द्वितीय उल्लास-और के गुण से और को दोष का उदाहरण, तृतीय उल्लास -ौर के दोष से और को गुण होने का उदाहरण (३६०), चतुर्थ उल्लास-और के दोष से और के दोप होने का उदाहरण, संकर उल्लास लक्षण-उदाहरण,अवज्ञा-लंकार लक्षण (३६१), अवज्ञालंकार उदाहरण, द्वितीय अवज्ञारूप और के दोष से और को दोष-उदाहरण (३३२) तृतीय अवज्ञारूप दोष के न होने का उदाहरण, अनुज्ञालं कार (३६३), दूसरा उदाहरण (३६४), लेशालंकार वर्णन, प्रथम लेश का उदाहरण (३६५), द्वितीय लेश-गुण से दोष होने का उदाहरण (३६६), विचित्रालंकार लक्षण-उदाहरण (३६७), तद्गुण अलंकार लक्षण (३६८), उदाहरण वर्णन (३६६),स्वगुण उदाहरण वर्णन, अतद्गुण अलंकार लक्षण (३७०), उदाहरण वर्णन, पूर्वरूप-अलंकार लक्षण-उदाहरण वर्णन (३७४), अनुगुण अलंकार लक्षणा, द्वितीत अनुगुण उदाहरण (३७६), मीलित और सामान्या-लंकार लक्षण (३७७), मीलित अलंकार उदाहरणा (३७६), पुनःमीलित उदाहरण, सामान्य उदाहरणा वर्णन (३८०), उन्मीलित और विशेषालंकार लक्षण (३८१), उन्मीलित उदाहरण वर्णन (३८२):

१५-पंद्रहवाँ उल्लास:
३८५-४३०,
 

समादिलंकार वर्णन (३८५),सम-अलंकार लक्षण (३८६),प्रथम सम