[कालिदास का प्राविर्भाय-फाल । सो इनके और परांजपे महाशय के अनुमान के अनुसार कालिदास का स्थिति-काल, ईसवी सन् के प्रारम्भ के उसी तरफ ठीक मालूम होता है-अर्थात् ईसा के ५६ वर्ष पूर्व विक्रमादित्य के समय में। सितंवर १९४८ RK