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फालिदास ।] कालिदास के ग्रन्थों में, तथा अन्यत्र भी, ऐसी अनेक बातें पाई जाती हैं जिनके आधार पर कालिदास के समय श्रादि का निरूपण किया जा सकता है। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जाता है- (१) किसी विक्रम नामधारी राजा से इस महाकवि का सम्बन्ध । (२) उसके द्वारा की गई पाल्मीकि की प्रशंसा।. (३) रघुवंश में हण, ययन आदि जातियों का उल्लेख । ४ (४) प्रशस्ति प्रादि में उसके नाम का पाया जाना । (५) रघुपंश की आकस्मिक समाप्ति । (६) मास, धायफा, कविपुत्र प्रादि उसको सम- फालिको का उसके तथा अन्यों के द्वारा नामोल्लेख ।
- तामायापदिनानुगारी कविः पुरोधमारणाप पानः ।
शिविशालदर्शनोपः श्लोरमापन यायोकः।। रांग, सर्ग । x गेयान, यमीमुवापा-यादि। rir, म.