यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

-कालिदास के ग्रन्थों की आलोचना। NX PHERS मालोचना से बड़े लाभ हैं। जिस साहित्य में समालोचना नहीं यह विटपविहीन महीरुह के ममान है। उसे देखकर नेत्रानन्द नहीं होता। उसके पाठ और परिशीलन से उदय शीतल नहीं होता। यह नीरस मालम होता है। सत्कवि अपने कार्यों के द्वारा समाज का हित-मापन करता है। यह अपने परयों में प्रादर्श-पुरुषों और पार्श-खिों का चरित वर्णन करके उसके द्वारा ऐसी ऐमी शिक्षायें देता है जो और किसी तरह नदी दी जा सकती। काव्येतर प्रन्यों की शिक्षायें

१४७

१४७