पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४८९

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विषय-निर्देशिका - माती पगाली श्रम याणिज्यवाद: पी पर गिर की पूंजीपति -बेगी मूल्य की व्याख्या - १८ - उत्पादक. उपभोग की नीव - ६०-६१ -माम सागर पंग पूंटी के परिचलन को - के अाधार रूप में द्रव्य पूंजी का परिपथ - माली गिनिमय में उसजाता है-४३२ भीगे यागिन्यवाद , प्रकृतितंत्रवादी। यावश्यक तत्व के रूप में माल उत्पादन- -षि मंबंधों का मारसं द्वारा अध्ययन- विदेश व्यापार-देखें व्यापार । विनिमय: - उत्पादन पद्धति और विनिमय पद्धति-११२ - मामल ने पंजीवाद में संक्रमण - ४०-४१ -सामाजिक उत्पादन के दोनों क्षेत्रों में - ग्रान गमुदाय का भूस्वामित्व - ४०-४१ विनिमय-३५०-३५३, ३६४- - भूभनय के अंतर्गत माल उतादन - १०६ ३७०, ३७४-३७६ - गृपि में घरेलू उद्योग - २१७ रेलये- देगें परिवहन । - व्यवसाइयों के बीच विनिमय तथा व्यव- साइयों और उपभोक्ताओं के बीच विनि- मय .४१६-४१७ ल -विनिमय में संतुलन-४३३ और भी देखें परिचलन । लाभ (मुनाफ़ा ): - मूल्य का नियम और लाभ की औसत विदब मंडी (विश्व बाजार ) - देखें परिचलन, मंडी, व्यापार। दर-२७-२८ व्यापार: -लाभ की मामान्य दर का समकरण- --का विकास , पूंजीवादी उत्पादन की १६६ अाधारिका के रूप में-४०, ४३, १०६- -रिकाटों का लाभ सिद्धांत-२०२ १०७ - पूर्व के जनगण पर विश्व व्यापार का व प्रभाव- - व्यापारी की पूंजी के कार्य रूप में- १०७, १२४-१२६ - उजरती मजदूर वर्ग तथा पूंजीपति वर्ग - विश्व व्यापार और परिवह्न मुविधाओं के पुनन्दादन के रूप में पूंजीवादी पुन- का विकास-२२६-२२७ रस्सादन-४१, ३३५-३३६, ३४५, ३६६ -पूंजीवादी उत्पादन और विदेश व्यापार - -पंजीवादके अंतर्गत मजदूर वर्ग का गोपण ४१०-४११ -४३, ३१४, ४४४-४८५, ४५२ -विदेश व्यापार और पुनरुत्पादन का - प्रौद्योगिक पूंजी तथा पुंजीपतियों और विश्लेपण-४११ उजन्ती मजदूरों में वर्ग विरोध -५८ और भी देखें मंडी, व्यापारी की पूंजी। व्यापारी को पूंजी - मजदूर वर्ग और प्रत्युत्पादन के संकट- - थोक व्यापार और पुंज उत्पादन -७६, १०७ पार भी देखें पूंजीपति , किसान। -पीर माल उत्पादन १०७ ४३ वर्ग: